भारत में बहुत सारे त्यौहार मनाये जाते हैं जिनके पीछे कोई न कोई धार्मिक कारण जरूर होता है. आज हम हमारी पोस्ट Holi Essay In Hindi (होली पर निबंध) में आपको बताएँगे की होली क्या है और होली क्यों मनाई जाती है. तो जानने के लिए तैयार हो जाइए की Holi क्यू मनाते हैं, यानी इसको मनाने के पीछे क्या कारण है.
हमारे देश की संस्कृति ही कुछ ऐसी है की यहाँ बच्चे बूढ़े और जवान सभी लोग किसी भी त्यौहार को बड़े ही चाव के साथ मनाते हैं. यही नहीं बाकायदा हमारे देशवासी इन त्योहारों का इंतज़ार काफी दिन पहले से ही करना शुरू कर देते हैं. वो इनकी तैयारी में जुट जाते हैं, ताकि किसी प्रकार की कोई कमी न रहे.
हम जितने भी त्यौहार मनाते हैं, Holi उन सब में दुसरे नंबर का सबसे बड़ा त्यौहार है. जैसा की आप जानते हैं की पहले नंबर पर दिवाली का नाम आता है. तो सबसे पहले तो हम आपको होली मनाने के कारण बताएँगे, और उसके बाद आपके सामने Essay Of Holi In Hindi पेश करेंगे.
Holi मनाने का कारण – होली क्यों मनाई जाती है
सबसे पहले तो आपको ये बता दें की होली कब है? इस साल यानि 2023 में हम 8 मार्च (बुधवार) को होली मानाने जा रहे हैं. अब आपको बताते हैं होली क्यों मनाते हैं? इसके पीछे कौन कौन से कारण जुड़े हुए हैं. वैसे तो इसके पीछे कई सारी धारणाएं हैं, लेकिन एक कारण ऐसा है जिस पर हर कोई विश्वास करता है.
उसी के बारे में हम यहाँ आपको बताने जा रहे हैं. कहा जाता है की हिरन्यकश्यप नाम का एक राक्षस हुआ करता था. जिसके छोटे भाई का वध भगवान् विष्णु ने किया था. हिरन्यकश्यप ने ब्रह्मदेव की कठोर आराधना करके उनसे एक वरदान हासिल किया था.
उस वरदान के मुताबिक हिरन्यकश्यप को ना तो कोई इंसान मार सकता था और ना ही कोई जानवर. न दिन में न ना रात में, ना अश्त्र से ना शस्त्र से, न ही जमीन पर ना ही आसमान में. अपनी इसी शक्ति के कारण वह हमेशा घमंड में चूर रहता था और भगवान् विष्णु से अपने भाई का बदला लेना चाहता था.
अब आपको पता चलेगा असली बात का की होली क्यू मनाई जाती है. दरअसल हिरन्यकश्यप विष्णु का कट्टर विरोधी था. उसने अपने राज्य में ऐलान करवा दिया था की कोई भी विष्णु भगवान् की पूजा अर्चना नहीं करेगा. अगर कोई ऐसा करते हुए पाया गया तो उसे मृत्युदंड दे दिया जायेगा.
उसका कहना था की वो खुद भगवान् है और उन सब को उसकी पूजा करनी चाहिए. हिरन्यकश्यप के डर से सभी लोगों ने भगवान् विष्णु की आराधना करना छोड़ दिया था. लेकिन उनका खुद का एक पुत्र था जिसका नाम था “प्रहलाद”. था तो वह बच्चा, लेकिन इस कच्ची उम्र में भी वह भगवान् विष्णु की आराधना किया करता था.
प्रहलाद भगवान् विष्णु का बहुत ही बड़ा भक्त था. जब हिरन्यकश्यप को इस बात का पता चला तो वो आग बबूला हो गया. उसने प्रह्लाद को हर तरह से समझाने की कोशिश की की वो विष्णु की पूजा करना छोड़ दे. लेकिन प्रहलाद ठहरे सच्चे और पक्के भक्त, वो कहाँ मानने वाले थे, बस अपनी ही धुन में लगे रहे.
आखिरकार हिरनकश्यप ने अपने अभिमान की खातिर प्रहलाद को मारने की ठान ली. उन्होंने इसके लिए कई प्रयास किये, लेकिन भगवन विष्णु की कृपा के चलते उनका हर प्रयास विफल हो गया. वो बुरी तरह से झुंझला उठे. उन्हें समझ नहीं आ रहा था की वो करें तो क्या करें.
आख़िरकार प्रहलाद को मारने के लिए उन्होंने अपनी बहन की मदद लेने के बारे में सोचा. हिरन्यकश्यप की एक बहन थी जिसका नाम था “होलिका”. वो भगवान् शिव की बहुत ही बड़ी भक्त थी. उन्होंने भगवन शिव को प्रसन्न करके उनसे एक वरदान हासिल किया था.
भगवान् शिव ने उसे एक ऐसा वस्त्र दिया था जिसे पहनने के बाद अग्नि भी उसे नहीं जला सकती थी. बस इसी बात का फायदा हिरन्यकश्यप उठाना चाहता था. उसने अपनी बहन से प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठने को कहा. ताकि प्रहलाद जल जाए और होलिका अपने वरदान की बदौलत जिंदा बच जाए.
होलिका ने ऐसा ही किया, लेकिन वो कहते हैं ना की भगवान् किसी ना किसी तरीके से अपने भक्तों की रक्षा जरूर करते हैं. अपने भक्त प्रहलाद को बचाने के लिए विष्णु भगवान् ने भी एक चाल चली. जैसे ही होलिका अपना वस्त्र पहनकर प्रहलाद को गोद में लेकर बैठी. भगवान् विष्णु ने जोर से आंधी चला दी.
जिसके कारण होलिका का वो वस्त्र उड़कर दूर चला गया और होलिका कुछ ही पल में भस्म हो गयी. वहीँ भगवान् विष्णु की कृपा के बदौलत प्रहलाद का बाल भी बांका नहीं हुआ. यही वो कारण था जिसके चलते आज तक होली मनाई जाती है. प्रहलाद के बचने और होलिका के जलने की ख़ुशी में ये त्यौहार मनाया जाता है.
तो अब तक आपको समझ आ चुका होगा की होली क्यों मनाई जाती है. अब चलते हैं होली के प्रस्ताव की और. अगर आप स्टूडेंट हैं और इस पावन त्यौहार के अवसर पर अपने विचार ब्यक्त करना चाहते हैं या फिर Hindi Holi Essay Competition में participate करना चाहते हैं तो इससे अच्छा पोस्ट आपके लिए हो ही नहीं सकता.
होली पर निबंध या प्रस्ताव – Holi Essay In Hindi
होली हिन्दुओं का एक बहुत ही ख़ास त्यौहार है, जिसे रंगों के साथ मनाया जाता है. यह हर साल मार्च में यानी फाल्गुन के महीने में आता है. होली भारतवासियों के लिए एकता और सौहार्द का त्यौहार है जिसे सब लोग आपस में एक दुसरे के साथ मनाते हैं. दीपावली के बाद यह हमारा सबसे बड़ा त्यौहार है.
जिस प्रकार ईद मुसलमानों के लिए एक बहुत ही बड़ा त्यौहार है, वो लोग आपस में इसे बड़े ही प्यार के साथ मनाते हैं. उसी प्रकार हिन्दुओं के लिए होली आपसी प्रेम और अपनेपन का त्यौहार है. इस दिन लोग तैयार होकर नए कपडे पहनते हैं और आपसी गले शिकवे भूलकर एक दुसरे के गले लगते हैं.
जब प्रह्लाद की जगह होलिका जल गयी थी तो इसे असत्य पर सत्य की जीत माना गया था. उस समय लोगों ने एक दुसरे को रंग लगाकर इस बात की ख़ुशी मनाई थी. तब से लेकर आज तक यही प्रथा चली आ रही है. इसीलिए होली को रंगों का त्यौहार यानी गुलाल का दिन कहा जाता है.
वैसे असली रंगों का त्यौहार हम होली के दुसरे दिन यानी “दुल्हंडी” को मनाते हैं. लेकिन आप बस यूँ मान लीजिये की होली का यह त्यौहार लगातार 2 दिन तक मनाया जाता है. होली वाले दिन लोग घास, गोबर व लकड़ी के ढेर को जलाते हैं और उसके चारों और चक्कर लगाकर अपनी सारी बुराइयाँ त्यागते हैं.
होली भारतीय संस्कृति का एक अहम् हिस्सा बन चुकी है और दर्शाती है की भारत में अनेकता में एकता वाली बात पायी जाती है. Holi Essay In Hindi में हम आपको सिर्फ त्यौहार की विशेषता ही नहीं बताना चाहते, बल्कि भारत की एकता और आपसी प्रेम का जिक्र भी करना चाहते हैं. जिसे पूरी दुनिया मानती है.
होली के इस पावन व धार्मिक त्यौहार पर हर किसी का चेहरा खिला हुआ दिखाई देता है. ऐसा लगता है मानों जैसे दुःख और कष्ट नाम की कोई चीज़ इस दुनिया में होती है नहीं है. लोग बहुत पहले से यानी फरवरी महीने से इसका इंतज़ार करना शुरू कर देते हैं. बचपन में खेली गयी होली किसे याद नहीं होगी.
वो हर किसी का एक सुनहरा दौर होता था. भारत में अलग अलग जगहों पर अलग अलग तरीके से होली मनाई जाती है. कहीं फूलों से सजाकर होली मनाई जाती है तो कहीं लठमार होली का चलन है. लठमार होली का जिक्र आप सबने जरूर सुना होगा. ये खासकर वृन्दावन और हरयाणा जैसे कुछ प्रान्तों में मनाई जाती है.
इसमें लोग अपनी भाभियों को रंग लगाने की कोशिश करती हैं और उनकी भाभियाँ उनके पीछे लठ लेकर दौड़ती हैं. सिर्फ दौड़ती ही नहीं हैं बल्कि मौका मिलने पर लठ मारती भी हैं. पानी का इस त्यौहार पर बहुत ही बड़ा महत्व है. बिना पानी के इस त्यौहार का मज़ा ही फीका पड़ जाता है.
लोग एक दुसरे पर पिचकारी से पानी डालते हैं और रंगों को मिलाने के लिए भी पानी की जरूरत तो पड़ती ही है. होली के दिन होलिका दहन करने के बाद हर घर में अच्छे अच्छे पकवान व मिठाइयाँ बनती हैं. लोग एक दुसरे को बुराई पर अच्छाई की जीत की बधाई देते हैं.
हम यहाँ आपको होली पर निबंध यानी Holi Essay Hindi में बताना चाहते हैं की Holi इस पूरी दुनिया के 5 सबसे बड़े त्योहारों में से एक है. रंगों के साथ साथ इस दिन एक दुसरे के साथ की जाने वाली मस्ती भी अपने चरम पर होती है. होली वाले दिन की खासियत है की इस दिन कोई किसी का बुरा नहीं मानता.
आज के समय की बात करें तो होली सिर्फ भारत में नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी लोकप्रिय हो चुकी है. हम सब जानते हैं की विदेशी लोगों को भारतीय संस्कृति कितनी पसंद है. बहुत सारे विदेशी भारत में ये रंगों का त्यौहार मनाने आते हैं. आपने कई विदेशी महिलाओं को इस दिन साडी पहनकर एक दुसरे को रंग लगाते हुए देखा होगा.
इस दिन स्कूल या अन्य जगहों पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. महिलाएं गीत गाती हैं, पुरुष नाचते हैं और सब प्यार से एक दुसरे को मिठाइयाँ खिलाते हैं.
होली का त्यौहार बांग्लादेश, नेपाल और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी बहुत प्रसिद्द है. इस दिन Internet पर होली के शुभकामना संदेशों की झड़ी सी लग जाती है. यहाँ तक की बड़े बड़े विदेशी Celebrities भी भारतियों को इस पावन पर्व पर अपनी शुभकामनाएं देते हैं.
इस दिन लोग आपसी सभी कडवाहट भुलाकर, जात पात को दरकिनार करते हुए बस एक ही चीज़ में खोये रहते हैं, और वो है आपसी प्रेम. यही कारण है की होली को प्रेम का दूसरा नाम कहा जाता है. होली मनोरंजन और हंसी ठिठोली का दूसरा नाम है जहाँ लोग पूरी तरह से इसमें खो जाते हैं.
होली वाले दिन बस रंग ही रंग दिखाई देते हैं. अगर हम कहें की इस दिन पूरा वातवरण ही रंगीन हो जाता है तो इसमें कुछ गलत नहीं होगा. इस त्यौहार से हम सब को एक बात सीखने को मिलती है की हमें कभी भी किसी चीज़ का घमंड नहीं करना चाहिए और आपस में सदभावना के साथ रहना चाहिए.
होली का इतिहास बहुत ही पुराना माना है, कहा जाता है की हजारों वर्षों पहले से इस पर्व को मनाया जाता आ रहा है. आप सब टी वी सीरियल में देखते होंगे की भगवान् श्री कृष्ण भी होली मनाते हुए दिखाई देते हैं. ग्रंथों में जिक्र है की उससे भी पहले से होली को मनाया जाता हुआ आ रहा है.
लेकिन आजकल इस त्यौहार का रंग रूप और इसे मनाने का तरीका बदलता जा रहा है. कुछ बिगडैल युवा और असामाजिक तत्व इस त्यौहार का प्रारूप बिगाड़ने पर आमादा है. ये लोग इस दिन शराब या किसी और चीज़ का नशा करके Bikes पर घुमते फिरते हैं.
नशे नशे में ये लोगों के साथ छेड़छाड़ करते हैं, यहाँ तक की हर साल महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की कई घटनाएँ सामने आ रही हैं. ये लोग अपने धूर्त कार्यों से इस पावन पर्व की प्रतिष्ठा पर दाग लगा रहे हैं. हम सब को सामूहिक रूप से इस बारे में सोचना होगा और इसका समाधान निकालकर इस पर रोक लगानी होगी.
ताकि हमारा ये आपसी प्रेम और रंगों का त्यौहार आपत्तिजनक घटनाओं के लिए बदनाम ना हो जाए. हमारी ऐसे लोगों से विनती हैं की आप सब लोग भी इसे साधारण लोगों की तरह ही प्यार के साथ मनाएं. इस त्यौहार को गन्दा करने की कोशिश ना करें. ये सिर्फ त्यौहार ही नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति ही है, जिसका पूरे विश्व में डंका बजता है.
अगर आप अपने देश और अपनी संस्कृति से प्रेम करते हैं तो हमारी बात जरूर मानेंगे. Essay Of Holi In Hindi के आखिर हम आप सब लोगों से यही प्रार्थना करते हैं की आप इस त्यौहार को नशे से दूर रहकर पूरे हर्षौल्लास के साथ मनाएं. इससे इस त्यौहार का मज़ा दोगुना हो जाएगा.
Amazing Facts About Holi In Hindi – होली के बारे में रोचक तथ्य
(1) क्या आप जानते हैं की होली को होलिका और होलाका के नामों से भी जाना जाता है. यह पर्व लगातार 2 दिन तक मनाया जाता है.
(2) माना जाता है की इस दिन हर भारतवासी अपने बैर और मनमुटाव की भावना को हर साल होलिका दहन के साथ ही जला देता है.
(3) वैसे तो हम आपको बता चुके हैं की होली क्यों मनाई जाती है? पर इसी दिन भगवान् मनु के जन्म को भी लोग इसका कारण मानते हैं. यही कारण है की होली को मन्वादितिथि भी कहा जाता है.
(4) आपको शायद ज्ञात ना हो की होली विश्व का एक मात्र ऐसा त्यौहार है जो पूरे संसार में एक साथ मनाया जाता है.
(5) ब्रिज में खेले जाने वाली होली का कारण होलिका के वध को नहीं बल्कि श्री कृष्ण द्वारा किये गए पूतिका राक्षसी के वध को बताया जाता है.
(6) होली का त्यौहार हर साल फाल्गुन के महीने में पूर्णिमा के बाद मनाया जाता है.
(7) होली एक मात्र ऐसा त्यौहार है जिस दिन भारत में भांग की खपत अचानक से बहुत ही ज्यादा बढ़ जाती है.
(8) कहा जाता है की भारत में सबसे पहला होलिका दहन झांसी शहर में हुआ था. होली की शुरुआत वहीँ से मानी गयी है.
(9) आंकड़ों के अनुसार होली वो त्यौहार है जिस दिन सबसे ज्यादा विदेशी लोग भारत में होते हैं.
(10) एक वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार होली वाले दिन भारत में इन्टरनेट की खपत भी 45% तक बढ़ जाती है.
देखा आप लोगों ने, होली एक कितना मजेदार और रंगीला त्यौहार है. चलिए सब मिलकर प्राण लेते हैं की इस बार आपसी दुश्मनी को भुलाकर सबके साथ प्यार से होली मनाएंगे. इससे हमारे देश में भाईचारा यानी एकता बढ़ेगी.
देश की एकता और अखंडता की शुरुआत आप लोगों से ही होती है. जो मज़ा सबके साथ त्यौहार मनाने में है वो अकेले में नहीं. खासकर होली तो है ही ऐसा त्यौहार जिसे अकेले रहकर बिलकुल नहीं मनाया जा सकता.
एक नयी शुरुआत कीजिये और फिर से उन पुराने दिनों में लौट जाने की कोशिश कीजिये जब हम टोली बनाकर दिनभर मस्ती करते थे. तो उम्मीद है आप इस बार इस त्यौहार पर खुद कुछ अच्छा करके दुसरे लोगों को अच्छा सन्देश देंगे. हमारी तरफ से आपको होली की बहुत बहुत हार्दिक सुभकामनाएँ. Happy Holi 2023.
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यहाँ आप पढ़ रहे थे Holi Essay In Hindi – होली पर निबंध या प्रस्ताव, जिसमें हमने आपको बताया की होली क्यों मनाई जाती है. उम्मीद है आपको हमारी पोस्ट बहुत पसंद आई होगी.
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