पानी रे पानी तेरा रंग कैसा? एक गाने की इस Line को लोग आज भी गुनगुनाते रहते हैं. लेकिन अब तक हर कोई इस बात को लेकर Confuse है की पानी का रंग कैसा होता है? तो आज हमारी पोस्ट Which Colour Of Water Is In Hindi में ये जानने की कोशिश करेंगे की पानी किस रंग का होता है. ये वाकई रंगीन है या फिर बेरंग?
पानी, जिसके बिना जीवन की कल्पना करना मुश्किल है. जिसके दर्शन हम दिन में कई बार करते हैं और कई सालों से करते आ रहे हैं. लेकिन आजतक हमें Water Colour का पता नहीं चल पाया की Water का Colour कौनसा होता है. कोई कहता है पानी का रंग सफ़ेद है और कोई नीला बताता है. आखिर सच्चाई क्या है.
अगर हम विज्ञान के हिसाब से चले तो Science की हिसाब से सिर्फ वही चीज़ रंगीन हो सकती है जो किसी निश्चित Wavelength के प्रकाश को परावर्तित कर सके. इस हिसाब से देखा जाए तो पानी का रंग है भी और नहीं भी. क्योंकि कभी पानी Wavelength को परावर्तित करता है और कभी नहीं.
ये निर्भर करता है पानी किस स्थिति में है. यानी पानी कम है या ज्यादा? पानी शुद्ध है या मटमैला और पानी एक जगह पर कितने दिन से एक जगह पर इकठ्ठा हुआ पड़ा है. ये सारी बातें पानी के रंग को अलग अलग बनाती हैं. तो आखिर पानी का रंग कैसा होता है, कैसे पता करे?
पानी कभी पारदर्शी दिखाई देता है तो कभी नीले नीले रंग का. इसका मतलब ये हुआ की इस सवाल का कोई एक जवाब नहीं है. अलग अलग Situations में पानी का रंग अलग अलग होता है. ऐसा हम देखते भी है. चलिए समझने की कोशिश करते हैं की आखिर मामला क्या है.
Water Colour In Hindi
जब कभी आप Glass में पानी पीते हैं तो क्या आपने पानी को कभी ध्यान से देखा है? अगर नहीं तो देखिएगा जरूर. क्योंकि इससे आपको इस बात का पता चलेगा की पानी किसी दूसरी चीज़ के Colour को अवशोषित करता है और हमें लगता है की पानी वैसे ही रंग का है.
मान लीजिये आपने किसी ऐसे कप में पानी लिया है जिसका रंग अन्दर से लाल है. तो होता क्या है की एक तो पानी उस कप के रंग को अवशोषित करता है और दूसरा पारदर्शी होने के कारण हमें वो खुद भी लाल रंग का ही दिखाई देने लगता है. इससे ये साबित होता है की पानी बेरंग होता है.
ये जिस भी चीज़ के संपर्क में आता है उसी का रंग अपना लेता है. जैसे आप पानी में शराब डालते हैं तो वो शराब के रंग का ही हो जाता है. यही बात सुंदर के पानी पर भी लागू होती है. समुद्र बहुत बड़ा होता है और वहां पानी बहुत ज्यादा होता है. पारदर्शी होने के कारण समुद्र पर पड़ी आसमान की परछाई के कारण हमें समुन्द्र का पानी नीला दिखाई देता है.
क्योंकि आसमान का रंग नीला होता है और पारदर्शी पानी में से हमें आसमान को देख सकते हैं. यही कारण है समुद्र का पानी भी नीले रंग का दिखाई देने लगता है. तो पानी का रंग कैसा होता है समझ आया आपको? पानी पारदर्शी होने के साथ साथ बेरंग होता है. ऐसा हम मान सकते हैं. लेकिन बात अभी पूरी नहीं हुई है.
चलिए कुछ और उदाहरण लेते हैं. आप बहुत दिन से कहीं इकठ्ठा हुआ पानी जब देखते हैं तो वो कुछ अलग ही रंग का होता है. गन्दा पानी दिखने में काला काला दिखाई देता है. क्योंकि उसमें ऐसी गंदगी मिली हुयी होती है जो काले रंग की हो चुकी होती है. इसी तरह जिस पानी में मिट्टी मिली हुयी होती है वो भूरे रंग का दिखाई देता है.
जब पानी थोड़ी मात्रा में होता है तो सफ़ेद पारदर्शी मतलब बेरंग Colourless दिखाई देने लगता है. जब एक जगह पर बहुत ज्यादा पानी इकठ्ठा होता है जैसे जोहड़, तालाबों और समुन्द्रों में पानी नीला देखाई देता है. कहने का मतलब ये है की पानी जिस स्थिति में होता है और जितनी मात्रा में होता है, उसी के हिसाब से उसका रंग दिखाई देता है.
तो फिर आखिर पानी का रंग क्या है या कौनसा होता है? निष्कर्ष पर तो हमें पहुंचना ही पड़ेगा. ऊपर बताई गयी बातों से तो ये स्पष्ट हो जाता है की पानी बेरंग ही होता है और इसका कोई रंग होता ही नहीं है. चलिए अब इसके बारे में Final Decision लेने का वक़्त आ गया है.
पानी का रंग कैसा होता है
किसी चीज़ का जवाब जानने के लिए हम अपने विवेक का सहारा ले सकते हैं. हम हमेशा गलत भी नहीं होते, मतलब जो हमें जैसा दिखता है वैसा ही तो होता है. लेकिन इस मामले में हम विज्ञान को भी गलत नहीं ठहरा सकते. विज्ञान के अपने कुछ तर्क हैं.
Science के अनुसार पानी के हर अणु में नीले रंग का एक हल्का सा टिंट होता है. लेकिन शर्त ये है की वो पानी बिलकुल शुद्ध होना चाहिए. तो क्या अब मान लिया जाए की ये नीला होता है? पानी किस रंग का होता है ये जानने के लिए हमें शुद्ध पानी ही लेना होगा.
कई बार हम जब किसी गड्ढे में भरे पानी का रंग देखते हैं तो वो हमें किसी और ही रंग का दिखाई देता है. ऐसा होने पर हम फिर से Confuse हो जाते हैं. इसलिए हम यहाँ सिर्फ शुद्ध पानी को ही लेकर चल रहे हैं.
प्रदूषित पानी में कई तरह के विकार आ जाते हैं. उसमें लेड, सेलेनियम, मरकरी, आर्सेनिक और नाइट्रेट वगैरह मिल जाते हैं जो उसे किसी और ही Colour का बना देते हैं. तो विज्ञान के अनुसार पानी में हलके नीले रंग का टिंट होता है जिसे हम सीधा नहीं देख पाते.
कुछ प्रयोग करने पर ही हमें इस बात का साफ़ साफ़ पता चल सकता है. लेकिन आखिर में विज्ञान का भी यही कहना है की बिलकुल हल्का नीला होने के बावजूद पानी पारदर्शी होने के कारण अपने रंग को छोड़कर किसी दूसरी चीज़ का रंग अवशोषित कर लेता है.
यही कारण है पानी को नीला भी नहीं कहा जा सकता. इसलिए अब विज्ञान भी इस बात से ही सहमत है की पानी बेरंग (Colourless) और पारदर्शी है. न तो सफ़ेद रंग का है, न नीला और ना ही भूरा. आशा करते हैं की आप भी हमारी इस बात से सहमत होंगे.
वैसे आगे भी इस बात को लेकर बहस और Researches जारी रहेंगी. लेकिन पानी के Colour का जवाब हमारे ख्याल से यही रहेगा जो हमने आपको अभी दिया है. पानी का Exact रंग बता पाना हर किसी के लिए बहुत ही मुश्किल काम होगा. क्योंकि आगे चलकर इसके बारे में लोगों की अलग अलग राय हो सकती हैं.
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यहाँ आप पढ़ रहे थे की पानी का रंग कैसा होता है – Water Colour In Hindi. उम्मीद है पानी के रंग को लेकर आपका सारा Confusion दूर हो गया होगा. अगर आपका कोई सवाल है या कोई सुझाव है तो Comment box में comment करके हमें बताएं.
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