भूकंप जब भी आता है सब कुछ हिलाकर रख देता है. इस पोस्ट में हम जानेंगे भूकंप क्या है और ये क्यों आता है? बहुत ही कम लोगों को इस बात की जानकारी है की भूकंप कैसे आता है? खासकर भारत में ज्यादातर लोग इसके पीछे भगवान् का हाथ मानते हैं.
भूकंप आने के कारण वैज्ञानिक होते हैं, पर हम हमारे पूर्वजों द्वारा भूकंप आने की कुछ और वजह सुनते आये हैं. जैसे कई बार हमें बताया जाता था की हमारी धरती किसी बैल के सींग पर टिकी है. जब वो बैल थक जाने पर धरती को दुसरे सींग पर लेता है तो भूकंप आता है.
इसी तरह और भी कई सारी धारणाएं हैं जो अक्सर सुनने को मिलती रहती थी. तो चलिए आज हमारी पोस्ट What Is Earthquake In Hindi में सारी बातें जानते हैं. जैसे भूकंप क्यू आता है और भूकंप आने पर क्या करना चाहिए या कौनसी सावधानियां बरतनी चाहिए.
इसके अलावा आपको बताएँगे की भूकंप से कैसे बचें, इससे बचने के उपाय क्या क्या हैं. सारी बातों का जिक्र आज की इस पोस्ट में होगा. तो चलिए सबसे पहले जान लेते हैं की आखिर भूकंप क्या होता है.
What Is Earthquake In Hindi – भूकंप क्या है
भूकंप एक भूगर्भीय हलचल है, यानी धरती के अन्दर कुछ हलचल होती है जिसके कारण धरती हिलती है. सबसे पहले तो आप ये जान लीजिये की किसी भी कारण से जब धरती हिलती है तो उसे भूकंप कहते हैं. आप “भूकंप” शब्द पर ध्यान दीजिये, ये 2 शब्दों से मिलकर बना है. “भू यानी भूमि” और “कंप” यानी कांपना.
मतलब जब भी किसी कारण से धरती में कम्पन होता है, यानी धरती कांपती है, हिलती है तो उसे भूकंप कहा जाता है. तो भूकंप क्या होता है, समझ गए होंगे आप, अब बात करते हैं की भूकंप कैसे आता है, मतलब इसके आने के पीछे क्या कारण हैं. आखिर ऐसा क्या होता है की इनती ज्यादा वजनी धरती भी हिल जाती है. ऐसी कौनसी शक्ति है जो धरती को भी हिला देती है.
ये समझने के लिए आपको थोडा गहराई में जाना होगा, वैसे भी ये धरती के अन्दर का यानी गहराई का मामला है. भूकंप की असली वजह धरती के नीचे यानी अन्दर ही मौजूद होती है. इसके लिए धरती की संरचना को समझना जरूरी है.
असल में हमारी धरती कई Layers यानी परतों से बनी होती है. धरती को कोई छोटी मोटी चीज़ समझने की भूल ना करें. इसकी जो सबसे ऊपरी परत है, जिस पर हम रहते हैं, जिसे देख पा रहे हैं इसे क्रस्ट कहते हैं. उसके बाद नंबर आता है दूसरी परतों का, जिन्हें आउटर कोर, इनर कोर, और मेंटल कहा जाता है. क्रस्ट के ठीक नीचे वाली परत मेंटल ही होती है.
क्रस्ट और मेंटल के ऊपरी हिस्से दोनों को मिलाकर जो पूरा हिस्सा बनता है उसे लिथोस्फेयर कहते हैं. इसकी गहराई लगभग 45 किलोमीटर से भी ज्यादा मानी जाती है. इससे आप समझ सकते हैं की कितना जटिल है धरती के अन्दर की बातों का पता लगाना. लेकिन भूकंप क्या है, ये समझने के लिए इन बातों को समझना जरूरी है.
ये जो परत होती है वो कई हिस्सों यानी वर्गों में बटी हुयी होती है. जैसे आप लोग ईंटों के चट्टे देखते होंगे जिनमें क्रम से ईंटे एक दूसरी के साथ जोड़कर रखी जाती हैं. तो उस चट्टे में जहाँ जहाँ भी एक दूसरी के साथ मिलती हैं वहां जोड़ बन जाता है. मतलब ईंटों के 1 चट्टे में बहुत सारे जोड़ होते हैं. ठीक इसी तरह से धरती की ये परत होती है.
ये भी कई वर्गों से मिलकर बनी है और जहाँ भी ये वर्ग आपस में मिलते हैं वही एक जोड़ होता है. बस फर्क इतना होता है की ये वर्ग ईंटों की तुलना में बहुत ही बड़े होते हैं. इन्ही वर्गों को Tectonical Plates कहते हैं. इन्हीं प्लेट्स में किसी प्रकार की हलचल या फिसलन के कारण भूकंप आता है. तो भूकंप कैसे आता है यानी क्यू आता है? आपको समझ आ गया होगा.
अब यहाँ समझने वाली बात ये है की आखिर Techtonical Plates में हलचल होती ही क्यों है? ऐसा क्या होता है धरती के इतनी नीचे, की ये फिसल जाती हैं. दरअसल धरती के नीचे जो Tectonical Plates हैं वो धरती के नीचे मौजूद लावा पर तैर रही होती हैं और इधर उधर घूम रही होती हैं. निरंतर घुमते रहने के कारण कई Plates थोडा इधर उधर होती रहती हैं.
इधर उधर होने के कारण ही ये आपस में टकराती हैं और धरती में कम्पन पैदा होता है, यानी भूकंप आता है. इनके आपस में टकराने के और भी कारण हैं जिनके हम इंसान जिम्मेदार हैं. जैसे कई देश निरंतर परमाणु परिक्षण करते रहते हैं, इससे भी ये Plates खिसकती हैं और आपस में टकराती हैं.
इसके अलावा पहाड़ों में होने वाले बम विस्फोट या फिर किसी उल्का पिंड के प्रभाव के कारण भी भूकंप आते रहते हैं. आप शायद ना जानते हों की दुनिया के किसी ना किसी भाग में हर मिनट भूकंप आ ही रहा होता है. छोटे मोटे भूकंप यूँ ही आते जाते रहते हैं, इन्हें ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता.
आपने भूकंप के केंद्र के बारे में जरूर सुना होगा. भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे Plates आपस में टकराई और वहां से भूगर्भीय उर्जा निकली हो. जाहिर सी बात है भूकंप का जो केंद्र होता है उसके आस पास भूकंप तेज होता है. भूकंप के केंद्र के अलावा भूकंप को मापा भी जाता है, यानी भूकंप कितना तेज था, उसकी तीव्रता कितनी थी.
पहले के ज़माने में लोग चीज़ों के हिलने डुलने की गति से या फिर होने वाले नुकसान के हिसाब से अंदाजा थे की भूकंप कितना तेज रहा होगा. लेकिन आजकल विज्ञान ने तरक्की कर ली है और भू – वैज्ञानिकों के पास एक से बढ़कर एक उपकरण हैं. भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए आजकल Rector Scale का प्रयोग किया जाता है.
रिक्टर स्केल Counting में भूकंप की तेजी को नापता है. जैसे 1 से 3 तीव्रता वाले भूकंप बहुत ही हल्के भूकंप होते हैं, कभी कभार तो इनका पता भी नहीं चल पाता. इसी तरह से 4 से 6 तीव्रता वाले भूकंप कुछ नुकसान कर सकते हैं और इतनी तेजी वाले भूकंप से हिलने वाली चीज़ों को हम आराम से देख सकते हैं.
6 तीव्रता से ज्यादा वाले भूकंप “अत्यधिक खतरनाक भूकंप” वाली श्रेणी में आते हैं जो बहुत ही विनाशकारी साबित होते हैं. जैसे भारत में कच्छ – भुज (गुजरात) में जो भूकंप आया था उसकी तीव्रता 7.2 मापी गयी थी. उस भूकंप ने सब कुछ जैसे ख़त्म सा कर दिया था. उस भूकंप से भारी मात्रा में जान और माल का नुकसान हुआ था.
भूकंप क्या है और कैसे आता है जानने के बाद बारी आती है भूकंप से बचने के उपाय जानने की. हम सब जानना चाहते हैं की भूकंप से कैसे बचें? भूकंप आने पर क्या करना चाहिए ताकि किसी की जान ना जाए. चलिए जानते हैं भूकंप के दौरान हमें कौन कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए, ताकि हम और आप सुरक्षित रह सकें.
भूकंप से कैसे बचें – भूकंप आने पर क्या करे
हम सब जानते हैं की भूकंप एक ऐसी चीज़ है जो कभी बताकर नहीं आता, और इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता की ये कब और कहाँ आ सकता है. हो सकता है की ये तब आ जाए जब रात को हम सब सो रहे हों. ऐसे में हमें शायद बचने का मौका ही ना मिले? लेकिन अगर आपको पता चल गया है की भूकंप आ रहा है तो ये सावधानियां जरूर बरतें.
(1) भूकंप का पता लगते ही किसी खुली जगह की और भागें, 1 सेकंड की भी देरी ना करें. जल्दी से जल्दी ऐसी जगह पहुंचे जहाँ आस पास कोई ऊंचे घर या इमारत ना हो.
(2) यदि घर के आस पास ऐसा खुला Area नहीं है तो सबसे पहले घर में जितने भी बिजली के Switchs हैं उन सब को Off कर दें और किसी एक कौने में सीधे सटकर खड़े हो जाएँ.
(3) भूकंप के दौरान बहुत ज्यादा घबराए नहीं. भूकंप क्या है हम सब जानते हैं, हम जानते हैं की भूकंप ज्यादा देर के लिए नहीं आता है और सभी भूकंप भी विनाशकारी नहीं होते.
(4) भूकंप आने पर घर की सारी खिड़कियाँ और दरवाजे खोलकर वहां से तुरंत हट जाइए.
(5) कभी भी किसी ऐसे भारी सामान के पास ना खड़े हों जो पलट या खिसक सकता है.
(6) भूकंप आने पर भागने के लिए Lift का प्रयोग बिलकुल ना करें, आप Lift में फंसे रह सकते हैं.
(7) अगर आप Drive कर रहे हैं और भूकंप आ गया है तो गाड़ी को एक साइड में रोक कर खड़ी कर लें. भूकंप के दौरान कभी भी किसी पुल को पार करने की कोशिश ना करें.
(8) अगर घर में कोई मजबूत Table वगैरह मौजूद है तो कोने में खींचकर उसके नीचे बैठ जाएँ और अपने सिर पर तकिया वगैरह रख लें.
ये थे भूकंप से बचने के उपाय जिनका आपको हिम्मत रखते हुए पालन करना है. अगर आपको भूकंप का पता नहीं चला और आप मलबे के नीचे दब जाएँ तो आपको जोर जोर से चिल्लाते रहना है ताकि आपकी आवाज़ सुनकर आपको कोई बचा सके.
लेकिन आपको इस बात का भी ध्यान रखना है की यदि आप मलबे के नीचे दबे हुए हैं तो ज्यादा हिलने डुलने की कोशिश ना करें. नहीं तो आप ज्यादा बड़ी मुसीबत में भी पड़ सकते हैं. क्योंकि हो सकता है की हिलने डुलने से और ज्यादा बड़ा मलबा खिसककर आपके ऊपर आ गिरे. इसलिए शांत रहें और हिम्मत कभी ना हारें.
अगर आप किसी तालाब या नदी में तैर रहे हैं तो भूकंप का अंदाज़ा लगते ही तुरंत बाहर आ जाए. इसके अलावा अगर आप नदी किनारे खड़े भी हैं तो तुरंत नदी से दूर भागने की कोशिश करें. भूकंप आने पर जमीन खिसकने और तेज लहरें आने का डर रहता है. यहाँ तक की कई बार तो हमें भूकंप के कारण सुनामी देखने को मिली है.
इन्हें भी जरूर पढ़ें –
- जीवन क्या है और इसका उद्देश्य क्या है
- पानी का रंग कैसा होता है
- आसमानी बिजली क्यों गिरती है
- वैलेंटाइन डे क्यों मनाया जाता है
- भारत के बारे में 50 रोचक तथ्य
यहाँ आपने हमारा लेख भूकंप क्या है – भूकंप कैसे आता है यानी क्यों आता है और भूकंप से कैसे बचें पढ़ा. उम्मीद है आपको यह लेख पसंद आने के साथ साथ काफी अच्छी जानकारी भी मिली होगी. तो फिर हमारी पोस्ट को Like और Share जरूर करें. हमारे साथ जुड़ने के लिए हमारे Facebook Page को Like करें व हमें Subscribe करलें. धनयवाद.