कई बार हम विचारों की गहराइयों में पहुँच जाते हैं और तरह तरह के सवाल हमारे सामने आने लगते हैं. जैसे जीवन क्या है? जीवन का अर्थ यानी सार क्या है? हमें जीवन क्यों मिला है और हम इस दुनिया में क्या करने आये हैं. ऐसे और भी बहुत से सवाल हैं जिनको हम हमारी पोस्ट What Is Life In Hindi में Cover करने की कोशिश करेंगे.
अक्सर हम अपने भविष्य और जीवन को सुखमय बनाने के बारे में सोचते हैं. लेकिन अगले ही पल दुसरे विचार हमारे मन में आने लगते हैं. जैसे आखिर जीवन का मतलब क्या है? Life का मकसद क्या है? क्या सिर्फ हम यहाँ कमाने और खाने के लिए आये हैं? अगर नहीं, तो फिर Life क्या है? और हमारा धरती पर आने का असली मकसद क्या है?
बड़े बड़े विद्वानों और बुद्धिजीवियों का जीवन को लेकर अलग अलग नजरिया देखने को मिला है. कोई कहता है की “Life Is A Game” तो कोई कहता है की ज़िन्दगी भगवान् द्वारा हमें दिया गया सबसे अनमोल तोहफा है. यहाँ तक सब ठीक है लेकिन जीवन का उद्देश्य क्या है? जीवन की सच्चाई क्या है?
आखिर हमें Life में करना क्या है? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो किसी का भी दिमाग खराब करके रख सकते हैं. क्योंकि हम सब का जीवन तो बस पैसे कमाने, खाने, घूमने फिरने और परिवार की जरूरतों को पूरा करना ही है. इससे आगे की सोच हमारे बस की बात नहीं है. तो क्या बस यही जीवन है? खाना, कमाना और आखिर में मर जाना.
अगर ये भी नहीं तो फिर क्या है जीवन? एक दुसरे से आगे निकलने की दौड़, दिलों में हमेशा एक दुसरे के लिए इर्ष्या और संतुष्टि के पीछे भागते हुए लोग, क्या यही जीवन है? सच्चाई ये है की आज हर कोई बनावटी दुनिया के जाल में फंसकर बिलकुल ही भूल चुका है की हमारे जीवन का उद्देश्य क्या है.
और तो सब कुछ छोडिये जिस परमात्मा ने हम सब को बनाया है, हमारे पास उन्ही के लिए वक़्त नहीं है. पैसा कमाने के नशे ने हमें अँधा बना दिया है. इतना सब कुछ करने के बाद भी किसी को शान्ति नहीं मिल पा रही है. तो क्या बस पूरी ज़िन्दगी संघर्ष करना और मरना ही ज़िन्दगी है? चलिए इस पर थोड़ी चर्चा करते हैं.
जीवन क्या है और इसका सार (अर्थ) क्या है
जैसा की हम सब बस इतना जान पाए हैं की ये जीवन एक लम्बी यात्रा है, जिसे आप एक खेल की तरह भी ले सकते हो. इसीलिए आपने कई बड़े लोगों को कहते सुना भी होगा की “Life Is A Race”. ये एक ऐसी दौड़ है जहाँ आपको दौड़ते ही रहना होगा. अगर आप नहीं दौड़े तो जीवन रुक जाएगा, और आप इस Game से बाहर हो जायेंगे.
ये बात तो ठीक है की जीवन एक Race हैं जिसमें हमें अनवरत दौड़ते रहना होता है. लेकिन यहाँ ये समझ नहीं आया की आखिर दौड़ना किसलिए होता है? जीवन का उद्देश्य क्या है, यानी मकसद क्या है? हमें दौड़कर हासिल क्या करना है? ये बात इस दुनिया में पैदा हुए बस कुछ ही लोग समझ पाए हैं.
देखिये जीवन तो भगवान् ने सभी प्राणियों को दिया ही है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की परमात्मा ने इंसान को क्यों बनाया. इतना तो आप सब जानते ही होंगे की सभी प्राणियों में परमात्मा ने इंसान को सर्वश्रेस्ठ बनाया है. आदमी में अन्य प्राणियों के मुकाबले सोचने और समझने की बहुत ज्यादा शक्ति होती है.
मतलब हम कह सकते हैं की जीवन एक ऐसा वरदान है जिसे परमात्मा ने हमें Test करने के लिए दिया है. मतलब हमारा जीवन हमारा Testing Time होता है. भगवान् देखना चाहते हैं की जिस इंसान को मैने हर मामले में अन्य प्राणियों से तेज बनाया है, वो अपने जीवनकाल में क्या क्या करता है.
लेकिन यहाँ ये कहना गलत नहीं होगा की मानव जाती ने परमात्मा को निराश ही किया है. आखिर हम अपने जीवन में कर ही क्या रहे हैं? बस वही खाने – पीने की चीज़ें और सुख सुविधा जुटाने के अलावा हम कुछ सोच ही नहीं रहे हैं. अरे अपने लिए खाने और रहने के लिए प्रबंध तो दुसरे सभी प्राणी – जीव जानवर भी करते ही हैं.
फिर हमने इंसान “दुनिया की सर्वश्रेष्ठ कृति” बनकर क्या किया? पूरा जीवन हमने काम, क्रोध , लोभ, नशा, इर्ष्या और अय्याशी के चक्कर में फंसकर गँवा दिया. क्या इसीलिए परमात्मा ने इंसान को इतना सोचने समझने की शक्ति और भाव दिए थे. जीवन का उद्देश्य, सार यानी अर्थ समझना हर किसी के बस की बात नहीं.
Life क्या है, इसको समझने के लिए आपको थोडा गहराई में जाना होगा. हम भी कोई दुसरे गृह से आये हुए प्राणी या फिर भगवान् से मिलकर आये हुए बन्दे नहीं हैं. पर आज तक इसके बारे में जितनी Research की है और लोगों से सुना है उसके आधार पर कुछ बातें हमें जरूर समझ आई हैं. तो चलिए अब ये बातें आपके साथ भी साझा करते हैं.
What Is Life In Hindi – Jivan Kya Hai
ये बहुत ही शांत दिमाग से ध्यान लगाकर समझने की बात है. असल में हम जीवन को शुरुआत से ही गलत समझ रहे हैं. हमें ये कभी नहीं भूलना चाहिए की परमात्मा की शक्ति के आगे हम शुन्य हैं और वो जो सोचते हैं, हम उसके नज़दीक भी नहीं पहुँच सकते. यहाँ हम आपको क्या समझाने का प्रयत्न कर रहे हैं सुनिए.
एक इंसान का जीवन काल लगभग 100 वर्ष का होता है, और हम इंसान सिर्फ इन्ही 100 वर्षों को पूरा जीवन समझ बैठने की भूल कर बैठते हैं. हमें ना तो इससे आगे का कुछ दिखाई देता है और ना इससे पीछे का. हमें अपना ये जीवन ही बहुत लम्बा लगता है. वहीँ परमात्मा के लिए ये 100 साल का समय कुछ भी नहीं है.
उन्होंने इतने साल आपकी परीक्षा लेने के लिए ही दिए हैं. ये 100 साल का जीवन तो केवल जीवन की शुरुआत ही होती है, ये हमारा पूरा जीवन नहीं होता. हमारा पूरा जीवन कब और कैसे होता है ये बात तो केवल भगवान् ही बता सकते हैं. पर इतना तय है की असली जीवन का अंत तो होता ही नहीं है.
क्योंकि मान लीजिये आप मर गए हैं, तो आपका शरीर मरा है, आप नहीं. क्योंकि असली जीवन तो आत्मा है, और आत्मा कभी मरती नहीं है. तो फिर जीवन ख़त्म कैसे हुआ? उसके बाद आत्मा किसी दुसरे शरीर में प्रवेश करेगी, चाहे वो इंसान का हो या किसी दुसरे प्राणी का. लेकिन आपका जन्म तो फिर से हो ही गया ना.
आपने सिर्फ शरीर बदला, लेकिन आत्मा तो आपकी वही है ना. आप सबने सुना होगा की आत्मा ही परमात्मा है, तो क्या परमात्मा कभी मरते हैं? फिर हम कैसे मर गए? यही हम आपको समझाना चाहते हैं की जीवन सिर्फ एक जन्म का खेल नहीं है बल्कि जन्मों तक चलने वाला लम्बा खेल है जिसकी पूरी जानकारी सिर्फ परमात्मा को ही है.
तो जीवन क्या है (What Is Life) आपको समझ ही गया होगा. जैसा की हमने आपको बताया की हर जन्म में भगवान् हमारा Test लेते हैं. इसलिए कहा जा सकता है की जीवन चाहे किसी भी प्राणी का हो, वो उसके लिए एक Testing Time ही होता है, यही इस जीवन की सच्चाई है. हम अपने लालच और दुर्गुणों के चक्कर में इस परम सत्य को भूल बैठे हैं.
सारा जीवन में हम दूसरों से जान पहचान बढ़ाने में व्यस्त रहते हैं. खुद को पहचानने के बजाय उन्हें अच्छी तरह से पहचानने – समझने की कोशिश करते रहते हैं. यही हमारी सबसे बड़ी गलती है की हम जीवन का मतलब समझने की कोशिश ही नहीं कर रहे हैं.
भगवान् आपको जीवन देता है, उसमें आप जैसे कर्म करते हैं उन्ही के आधार पर अगला जन्म देते हैं. और अभी आपका जो जन्म है वो आपके पिछले जन्म के कर्मों का फल है, इस बात को समझना बहुत ही जरूरी है. तो क्या जीवन का ये खेल अनवरत चलता ही रहता है, एक जन्म के बाद दूसरा, फिर तीसरा, फिर चौथा?
हमारे साधू संतों और ग्रंथों के मुताबिक केवल परमात्मा ही आपको इस जीवन – मरण के चक्कर से छुटकारा दिला सकते हैं. मतलब आपको पूरी तरह से मुक्ति दिला सकते हैं. लेकिन बात वही है की इसके लिए आपको उनके Test में Pass होना होगा. जरूरी नहीं की जीवन मरण से मुक्ति पाने के लिए सिर्फ 1 जन्म में ही आपको अच्छे कर्म करने हों.
हो सकता है की मोक्ष प्राप्त करने में आपको 2-3 जन्म लग जाएँ. ये पूरी तरह से परमात्मा पर निर्भर करता है. इसीलिए कह रहे हैं की जीवन के उद्देश्य को सही से समझिये. जिस तरीके का जीवन हम सब जी रहे हैं उससे मुक्ति की संभावना शुन्य के बराबर है. इस दुनिया में कुछ 0.45% के लगभग हैं जो मुक्ति की राह पर चल रहे हैं.
उन्हें इस जीवन का सार समझ आ चुका है और वो बुरे कर्मो को पूरी तरह से त्यागकर लगातार अच्छे कर्म कर रहे हैं. उन्हें समझ आ चुका है की जीवन में केवल अपने और अपने परिवार के लिए कमाना, सुख सुविधाएँ खरीदना और ऐश करना ही ज़िन्दगी नहीं है. आप सब परमात्मा की सर्वश्रेष्ठ रचना हैं, आपको इन सब से ऊपर उठकर कुछ करना चाहिए.
आखिर में आपसे यही कहना चाहेंगे की बुरे कर्मो से बचें, अपना दिल साफ़ रखें, दूसरों की भलाई करें और परमात्मा से सम्बन्ध स्थापित करने की कोशिश करें. इस प्रकार जीवन को चलने दीजिये, उसके बाद इस जन्म के बाद परमात्मा हमारा क्या करेंगे, वो परमात्मा पर छोड़ दीजिये. उन्हें सब पता है की क्या करना है क्या नहीं.
तो जो लोग पूछते हैं की आखिर हमें इस जीवन में क्या करना है, वो सब इन बातों का ध्यान रखें, राह से ना भटकें और दुर्गुणों से बचें. अगर जीवन मरण के चक्कर से छुटकारा पाना है तो पाप की दुनिया से बाहर निकलिए और भगवान् के सानिध्य में रहें. भगवान् आपको जरूर आशीर्वाद देंगे और वो कभी खाली नहीं होगा.
अक्सर हम उस उम्र में भगवान् को याद करना शुरू करते हैं जब हमारे पाप का घड़ा पूरी तरह से भर चूका होता है. जीवन में समय रहते वो सारे काम कीजिये जिन्हें भगवान् और इंसान दोनों पसंद करें. विश्वास कीजिये अपनी सांस चलने तक सच्चाई पर चलना और दूसरों की सहायता करना आपके जीवन को बेहतर बनाता है.
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इस लेख में आपने जाना की जीवन क्या है – What Is Life In Hindi. जीवन का उद्देश्य और इसकी सच्चाई आपको पता चल गयी होगी. हमारी पोस्ट को Like और Share जरूर करें. हमारे साथ जुड़ने के लिए हमारे Facebook Page को Like करें व हमें Subscribe करलें. Thanks.