कई बार आदमी का दिमाग पता नहीं कहाँ से कहाँ पहुँच जाता है. जैसे की कई बार हम सोचने लगते हैं की आखिर भगवान कहाँ हैं या हमें भगवान् कहाँ मिलेंगे. कई बार दिमाग में आता है की सच में भगवान् हैं भी या नहीं? ये सवाल हमारे मन को उलझाकर रख देते हैं.
वैसे ये सोचने वाली बात है की अगर भगवान् एक सत्य हैं तो फिर भगवान् कहाँ रहते हैं? कैसे रहते हैं? और उनका रूप रंग या शक्ल – सूरत कैसी है. तो इन सब चीज़ों की हम हमारे लेख Where Is God In Hindi में पूरी जानकारी देने वाले हैं.
इस दुनिया में हर तरह के लोग रहते हैं. कुछ लोग भगवान् पर विश्वास करते हैं और कुछ नहीं. जो भगवान् के अस्तित्व पर विश्वास करते हैं उन्हें आस्तिक, और जो विश्वास नहीं करते उनको नास्तिक कहा जाता है. आप सोचेंगे की इतनी बड़ी दुनिया में भगवान् को लेकर लोगों की अलग अलग राय क्यों है.
जब भी कभी आस्तिक और नास्तिक लोगों के बीच बहस होती है तो वो झट से आस्तिक लोगों से पूछते हैं की आप बताइए भगवान् कहाँ हैं? क्या आप हमें अपना भगवान् दिखा सकते हैं? बस, यहाँ आकर आस्तिक लोग फंस जाते हैं, क्योंकि उन्होंने खुद ने भगवान् को कभी नहीं देखा है.
तो फिर वो कैसे बता पाएंगे की भगवान कहाँ मिलते हैं? यहीं पर नास्तिक लोग खुद को Winner समझते हुए अपना सीना फुला लेते हैं. लेकिन इसके उलट ऐसी हज़ारों बातें हैं जो संकेत देती हैं की भगवान सच में मौजूद हैं और उनके अस्तित्व पर कोई सवाल नहीं उठा सकता.
जैसे जैसे समय साल दर साल समय बीतता जा रहा है वैसे वैसे ही नास्तिक लोगों की संख्या बढती जा रही है. क्योंकि आजकल सभी लोग Educated हैं और ज्यादा पढ़ा लिखा आदमी हर बात का सबूत मांगता है. उसे अपने इतिहास और ग्रंथों में इतना विश्वास नहीं होता जितना विश्वास Science पर है.
कई सिरफिरे वैज्ञानिक तो ऐसे भी हैं जो भगवान् नाम की चीज़ से कतई ही इनकार करते हैं. वो कहते हैं की जो चीज़ होती है वो दिखाई जरूर देती है और जो दिखाई नहीं देती वो चीज़ होती ही नहीं है. Science के हिसाब से ये एक सही तथ्य हो सकता है लेकिन प्रकृति के हिसाब से नहीं.
माना की कोई नहीं जानता की God कहाँ रहते हैं और उनकी Exact Location क्या है. पर ब्रहमांड इस चीज़ का चीख चीखकर प्रमाण देते है की भगवान् एक सच्चाई है. तो चलिए इस विषय पर थोडा और गहराई में चलते हैं और लेते हैं भगवान् के होने या ना होने की पूरी जानकारी.
Where Is God In Hindi – भगवान् कहाँ हैं
सबसे पहले तो हम यहाँ कहना चाहेंगे की भगवान् को लेकर हमने कुछ गलत धारणाएं बना रखीं हैं. अगर में हम God के बारे में जैसा सोचते हैं, सब कुछ वैसा नहीं है. साफ़ शब्दों में अगर कहा जाए तो भगवान् को लेकर जो हमारी परिकल्पना है, वो पूरी तरह से सही नहीं है.
इस बात में कोई शक नहीं है की भगवान् हैं और ये प्रकृति खुद इस बात की सबसे बड़ी गवाह है. लेकिन हम सोचते हैं की भगवान् शायद बिलकुल इंसान की तरह हैं, वो बिलकुल वैसे ही दिखते हैं जैसा की एक आदमी दिखता है. हम जहाँ कहीं भी भगवान् के चित्र देखते हैं उन सब में वो लगभग पुरुष रूप में होते हैं.
सच्चाई में ऐसा कुछ नहीं है, भगवान् का असल में कोई रूप ही नहीं है. भगवान् क्या है? कोई आदमी थोड़े ही हैं. वो तो एक शक्ति है जो की बस हवा के रूप में मौजूद हैं. जी हाँ भगवान् एक ऐसी अदृश्य शक्ति हैं जो ना तो किसी इंसान जैसी दिखती है और ना ही किसी जानवर की तरह.
समझने वाली बात यहाँ ये है की जब भगवान् का कोई शरीर ही नहीं है, वो एक अदृश्य शक्ति हैं तो फिर दिखाई देने का तो कोई मतलब ही नहीं है. तो अब अगर आपसे कोई पूछे की भगवान् कहाँ मिलेंगे तो उनको बताइए की भगवान् दिखाई नहीं देते उन्हें तो सिर्फ महसूस किया जा सकता है.
ये बात अलग है की ये अदृश्य शक्ति यानी भगवान् कोई भी रूप धारण कर सकते हैं और हर प्राणी भगवान् को अपने खुद के रूप में ही मानता है. जैसे उदाहरण के तौर पर एक चींटी अगर भगवान् को मानती है तो वो भगवान् की कल्पना इंसान के रूप में थोड़े ही करेगी. वो भी खुद चींटी के रूप में ही भगवान् को देखती है.
इसी तरह अगर कोई और जानवर है तो वो उसे अपने रूप में देखेगा. अब सवाल आता है की जब आज तक किसी ने भगवान् को देखा ही नहीं है तो कैसे कह सकते हैं की वो मौजूद हैं. अगर हैं भी तो भगवान् कहाँ हैं मतलब किस जगह रहते हैं. वैसे तो इन सब बातों का कोई भी स्पष्ट जवाब नहीं है.
लेकिन हमारे भारतीय इस बात का जवाब कुछ इस प्रकार देते हैं की हमारे संस्कार हमारे पूर्वजों की बातें मानने के रहे हैं. हमारी हर पीढ़ी ने अपने पूर्वजों से भगवान् के बारे में जाना. उन्हें पता चला की भगवान् नाम की भी कोई चीज़ हैं. उन्होंने अपने बड़े बुर्जुर्गों को भगवान् की आराधना करते देखा.
यानी इससे ये स्पष्ट होता है की हमारे बुजुर्गों में से कोई ना कोई पीढ़ी ऐसी रही होगी जिसने भगवान् को किसी ना किसी रूप में जरूर देखा होगा. या हो सकता है की सैंकड़ों साल पहले एक या कई व्यक्तियों ने भगवान् के दर्शन किये होंगे, तब उन्हें मालुम पड़ा होगा की भगवान् भी मौजूद हैं.
वहां से ये सारी बातें उन्होंने लोगों को बताई होंगी और सभी लोग भगवान् को मानने लगे होंगे. गौर करने वाली बात यहाँ ये है की पहले के ज़माने में लोग झूठ नही बोलते थे. कहा जाता है की पहले झूठ बोलने वाला व्यक्ति तुरंत बीमार पड़ जाता था. इसलिए वो लोग झूठ तो बोल नहीं रहे होंगे.
हम यहाँ आपको ये समझाने की कोशिश कर रहे हैं की इस दुनिया में काफी सारी ऐसी चीज़ें हैं जो हमने कभी देखी नहीं हैं. लेकिन अगर कोई ऐसा व्यक्ति हमें उस चीज़ के बारे में कुछ बताये जिस पर हम पूरा विश्वास करते हैं तो हम उसे मान लेते हैं.
ठीक इसी प्रकार भगवान् की मौजूदगी के साथ भी कुछ ऐसा ही है. हम भगवान् के बारे में अपने बचपन से सुनते आ रहे हैं और हमें अपने बड़ों पर पूरा विश्वास है. तो जाहिर सी बात है की इस दुनिया में भगवान् कहीं न कहीं जरूर मौजूद हैं. अब भगवान् कहाँ हैं और कैसे मिलेंगे? इस पर थोड़ी चर्चा कर लेते हैं.
भगवान् कहाँ मिलते हैं – भगवान् कहाँ मिलेंगे
जैसा की हम आपको ऊपर बता चुके हैं, भगवान् सिर्फ एक शक्ति हैं, कोई रूप या शरीर नहीं जो अपना घर बनाकर कहीं रह रहे होंगे. वो तो इस दुनिया में हर जगह मौजूद हैं. पुराने ग्रंथों को उठाकर देखा जाए तो मालुम पड़ता है की कण कण में भगवान् की मौजूदगी है.
ये सारी दुनिया, ये प्रकृति, ये प्राणी, ये हवा और ये पानी सब भगवान् के द्वारा बनाये गए हैं. खुद भगवान् का अंश इनमें मौजूद रहता है. कहा जाता है की हर जीवित प्राणी में भगवान् मौजूद होता है, चाहे फिर वो आदमी हो, कुत्ता हो या फिर कुछ और. जिस चीज़ में प्राण हैं उसमें समझो भगवान् हैं.
इसीलिए पुराने ऋषि मुनियों का कहना होता था की अगर भगवान् को प्रसन्न करना है तो किसी जीवित प्राणी को खुश कीजिये. किसी ऐसे जरूरतमंद इंसान या जानवर की मदद कीजिये जो कष्ट झेल रहा हो या मुसीबतों में फंसा पड़ा हो.
अगर आपको ऐसे जरुरतमंद लोगों का आशीर्वाद दिल से मिल जाता है तो समझो वो भगवान् का आशीर्वाद है. इसलिए आज से सोचना छोड़ें की भगवान् कहाँ है और किस जगह रहते हैं. क्योंकि आपके खुद के अन्दर भी भगवान् मौजूद हैं.
ये बात अलग है की अगर आप बुरे कर्म करते हो तो भगवान् आपसे नाराज़ होते हैं और अच्छे कर्म करने पर भगवान् आपसे खुश होते हैं. जब भगवान् आपसे खुश होते हैं तो आप खुद बहुत खुश रहते हो. क्योंकि आपके अन्दर ही तो भगवान् वास करते हैं.
भगवान् कोई सिर्फ एक शक्ति नहीं है जो सिर्फ 1 मनुष्य या जानवर के अन्दर वास कर सके. इस दुनिया में जितने भी प्राणी हैं उन सब में भगवान् का वास होता है. तो ये एक असीमित शक्ति है जो सब कुछ देख रही होती है. भगवान् किसी एक निश्चित जगह पर नहीं रहते.
लोग भगवान् की पूजा करने मंदिरों में जाते हैं या फिर किसी विशेष जगह पर उनके दर्शन करने जाते हैं तो ये गलत है. भगवान् ना किसी चित्र में मौजूद हैं, ना किसी मूर्ती में ना ही किसी विशेष जगह पर. वो तो हर जगह मौजूद है.
आप जहाँ चाहें उन्हें याद कर सकते हैं, उनकी पूजा अर्चना कर सकते हैं. यहाँ हम ये नहीं कहना चाहते की जो लोग भगवान् के दर्शन करने दूर दूर तक जाते हैं वो बेवकूफ हैं. असल में ये भी पुरानी मान्यताएं हैं और हो सकता है कोई जगह भगवान् के लिए विशेष रही हो.
लेकिन अगर आप सोच रहे हैं की God कहाँ और और सिर्फ भगवान् को खोजने के उद्देश्य से ही कहीं दूर जाते हैं तो ये गलत है. आपको वो पवित्र स्थान देखना है, आप देख सकते हैं. लेकिन ये मानना गलत है की इसी स्थान पर भगवान् रहते हैं.
भगवान् हर समय आपके अन्दर और आपके आस पास ही हैं, उन्हें खोजने के लिए आपको कहीं दूर नहीं जाना. कई बड़े ऋषि मुनियों का कहना होता था की भगवान् को अगर महसूस करना है तो आदमी को इंसानियत के रास्ते पर चलना होगा. उसे सारे पाप और बुरे कर्मों को छोड़ना होगा.
क्योंकि भगवान् कभी भी अधर्मी लोगों से प्रसन्न नहीं रहते. इसलिए आप इंसान हैं तो आपके लिए इंसानियत सबसे पहला और सबसे बड़ा धर्म होना चाहिए. मानव सेवा कीजिये, जीवित प्राणियों की दान, धर्म और कर्म से मदद कीजिये. कभी भी अपने फायदे के लिए दूसरों का बुरा मत कीजिये.
ऐसा करने से हो सकता है आपको भगवान् के साक्षात दर्शन ना हों, पर आप उन्हें अपने आस पास ही महसूस जरूर करेंगे. आपके अन्दर किसी चीज़ का भय नहीं रहेगा, आप हमेशा खुश रहेंगे और आपका मन हमेशा अच्छे काम करने के लिए तैयार रहेगा.
ये भी पढ़े
- जीवन क्या है और इसका उद्देश्य क्या है
- ये 10 चीज़ें हैं जीवन की सबसे बड़ी जरूरत
- जीवन में दुःख के कारण क्या हैं
- हमारे मरने के बाद क्या होता है
- सुखी वैवाहिक जीवन के लिए 14 मंत्र
तो ये था हमारा लेख भगवान् कहाँ हैं – Where Is God In Hindi जिसमें आपने जाना की भगवान् कहाँ मिलते हैं. उम्मीद है आप हमारे विचारों से काफी ज्यादा सहमत होंगे. अगर आपको ये लेख पसंद आया हो तो इसे Like और Share जरूर करें. हमारे साथ जुड़ने के लिए हमारे Facebook Page को जरूर Like कर लें. धन्यवाद.