हमारे जीवन को सँवारने में माँ बाप के बाद सबसे बड़ी भूमिका शिक्षकों की होती हैं. Teachers Day Essay In Hindi यानी शिक्षक दिवस पर निबंध लेख में हम आपको एक शिक्षक का महत्व बताने का प्रयास करेंगे. आप चाहें तो इसे Teachers Day पर एक Speech की तरह भी ले सकते हैं, क्योकि ये प्रस्ताव कुछ ऐसा ही होने वाला है.
दुनिया भर के लोग इस बात को मानते हैं की Teachers ही हमारी जीवनधारा और भविष्य को तय करते हैं. वो हमें ऐसा रास्ता दिखाते हैं जिस पर चलकर हम कठिनाइयों से बचते हुए आराम से अपना जीवन व्यतीत कर सकते हैं. उनकी इसी कठिन किन्तु समाज सुधारक कार्यशैली से प्रभावित होकर Teacher day मनाने की शुरुआत की गयी थी.
ये तो हम सब जानते हैं की समाज को एक नयी दिशा दिखाने का काम हमारे शिक्षक ही करते हैं. क्योंकि बच्चों से ही समाज बनता है और Teachers भटके हुए बच्चों को सही दिशा दिखाते हैं. यही बच्चे आगे चलकर एक स्वच्छ समाज का निर्माण करते हैं. हम खुद भी अपने Teachers के बहुत ही ज्यादा आभारी हैं.
यही कारण है की हम शिक्षक दिवस निबंध खुद के शब्दों में लिखने को प्रेरित हुए हैं. शिक्षक वाकई सम्मान के हक़दार है और उन्हें यही सम्मान देने के लिए एक ख़ास दिन चुना गया 5 सितम्बर. जी हाँ हर साल 5 सितंबर को Teachers Day मनाया जाता है.
हम सब जानते हैं की शिक्षा का हमारे जीवन में बहुत ही बड़ा महत्व है. शिक्षा के बिना जीवन निरर्थक माना जाता है. सब माता पिता चाहते हैं की उनका बच्चा अच्छी शिक्षा जरूर ग्रहण करे. इसीलिए बच्चों को वहां भेजा जाता है जहाँ गुरु यानी शिक्षक रहते हैं. जी हाँ हम बात कर रहे हैं स्कूल, गुरुकुल या आश्रम की.
पूरी दुनिया में शिक्षकों द्वारा समाज को एक नयी दिशा दिखाने, शिक्षा का महत्व बताने और जीवन जीने के लिए मार्गदर्शन करने के लिए उन्हें सम्मानित करना जरूरी समझा गया है. क्योंकि उनके द्वारा किये जा रहे ये कार्य कोई आसान नहीं हैं और न ही कोई छोटी बात है.
Essay On Teachers Day लेख का इस्तेमाल वो बच्चे या Students भी कर सकते हैं जो किसी प्रस्ताव लेखन प्रतियोगिता में भाग लेना चाहते हैं. तो चलिए शिक्षक दिवस पर सबसे बढ़िया प्रस्ताव की शुरुआत करते हैं.
Teachers Day Essay In Hindi – शिक्षक दिवस पर निबंध
सबसे पहले तो आपको बता दें की इस साल यानी 2022 में भी शिक्षक दिवस 5 सितम्बर को ही मनाया जाएगा जैसा की हर साल मनाया जाता है. लेकिन यहाँ ध्यान रखने वाली बात ये हैं की 5 सितम्बर को Teachers Day सिर्फ भारत में मनाया जाता है, अन्य देशों में नहीं. दुनिया के और ज्यादातर हिस्सों में ये 5 October को मनाया जाता है.
गुरु का सही अर्थ होता है अन्धकार को मिटाकर उजाला करने वाला. “गुरु” शब्द में “गु” का मतलब है अँधेरा और “रु” का मतलब होता है ज्ञान. मतलब जो अज्ञान रुपी अँधेरे को मिटाकर हमारे अन्दर ज्ञान की ज्योति जलाते हैं, वो होते हैं गुरु. एक शिक्षक ही हमें इस चीज़ का बोध करवाते हैं की क्या सही है और क्या गलत.
उनके द्वारा जलाई गयी ज्ञान की ज्योति से ही हमारे जीवन पर मंडरा रहे अन्धकार के काले बादल हटते हैं. भारत में सदियों से गुरु और चेले का अलग ही रिश्ता रहा है. जहाँ शिष्य अपने गुरु को दक्षिणा देने के लिए अपनी जान भी देने को तैयार रहते हैं, वहीँ गुरु शिष्य के जीवन को उज्जवलित करने में अपना पूरा जोर लगा देते हैं.
संत कबीर कहते थे की यदि मेरे सामने भगवान् और गुरु दोनों एक साथ आ जाएँ तो मै पहले अपने गुरु यानी शिक्षक के पैर छूऊंगा. उसके बाद ईश्वर से माफ़ी मांगकर उनके पैर पकड़ लूँगा. उनके अनुसार बिना गुरु के ईश्वर का साक्षात्कार होना असंभव है. गुरु ही हैं जो हमें परमात्मा से मिलन का रास्ता दिखाते हैं.
शिक्षक दिवस पर निबंध में अगर भारत में Teachers Day मनाने के पीछे की छोटी सी कहानी नहीं बताई गयी तो लेख अधूरा सा रह जाएगा. डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जो की हमारे देश के उपराष्ट्रपति भी रह चुके हैं, असल में उनके जन्मदिन के दिन ही शिक्षक दिवस मनाया जाता है.
40 साल तक वो एक शिक्षक रहे और इस दौरान उन्होंने देश को आगे बढाने में अपना अमूल्य योगदान दिया. जब वे उपराष्ट्रपति बने थे तब उनके ही कुछ पुराने छात्रों ने उनसे कहा की Sir हम आपका जन्मदिन मनाना चाहते हैं. आपने हमारे लिए इतना कुछ किया है तो हम भी आपको कुछ तोहफा देना चाहते हैं.
तब डॉक्टर सर्वपल्ली ने कहा था की उन्हें जन्मदिन वगैरह मनाने का शौक तो नहीं है. पर हाँ यदि इस दिन को Teachers Day के रूप में याद किया जाए और मनाया जाए तो उन्हें काफी अच्छा लगेगा. चूँकि शिक्षा के क्षेत्र में उनका बहुत ही बड़ा योगदान रहा है तो उसी दिन से भारत में शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत कर दी गयी.
ये सच है की गुरु के रूप में भगवान् ने हमें अनमोल तोहफा दिया है. शिक्षक किसी भी शिष्य के साथ बिना कोई भेद भाव किये सबके जीवन में उजाला करते हैं. कहते हैं की हमारे लिए हमारे भगवान् यानी सब कुछ हमारे माता पिता होते हैं. इस बात में रत्ती भर भी शक नहीं है.
लेकिन अगर उनकी भी अगर कोई बराबरी करता हुआ नज़र आता है तो वो शिक्षक ही हैं. हमारे माँ बाप क्या चाहते हैं? यही ना की हमारा बच्चा सही रास्ते पर चले, ज्ञान हासिल करे और जीवन में खूब तरक्की करे. माँ बाप तो ऐसा सिर्फ चाहते हैं, लेकिन हमारे गुरु हम पर मेहनत करके हमें ऐसा बनाते हैं.
तो हमारे जीवन में जितना महत्व हमारे माता पिता का है उतना ही महत्व हमारे शिक्षकों का भी है. इस Teachers Day Essay को पढने के बाद उन विद्यार्थियों को दोबारा से सोचने की आवश्यकता है जिनके मन में अपने शिक्षकों के प्रति जरा भी सम्मान का भाव नहीं है.
उन्हें पता होना चाहिए की शिक्षक ही आपको आपकी मंजिल तक पहुंचा सकता है. एक शिक्षक वो है जो कभी भी आपके बारे में बुरा नहीं सोचता. शिक्षक कभी भी आपका दुश्मन नहीं होता है, उसके मन में हमेशा यही बात रहती है की उसका हर शिष्य जीवन की कठिनाइयों को पार करते हुए नयी ऊंचाइयों को छूए.
शिक्षक आपको अच्छे संस्कार देता है ताकि आपका व्यक्तित्व सुधरे और समाज आपकी इज्ज़त करे. शिक्षक हमेशा आपको हर तरह से बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत रहते हैं. शिक्षक दिवस सभी Teachers को समर्पित एक ऐसा त्यौहार है जिसे Schools और Colleges में बड़ी ही धूम धाम के साथ मनाया जाता है.
इस दिन सभी शिक्षकों को ये आभास कराया जाता है की वो सब कितने ख़ास हैं. शिष्य उनके चरण छूकर उनका आशीर्वाद लेते हैं और बताते हैं की किस प्रकार उन्होंने उनके जीवन को एक नया सार्थक आकार दिया है. इस दिन शैक्षणिक संस्थानों में सांस्कृतिक कार्यकर्मों का आयोजन होता है.
जिसमें नाच गाना, संगीत, नाटक, भाषण, खेल व् कोई मनोरंजक प्रतिस्पर्धा होती है जिसे सभी लोग Enjoy करते हैं. इस दिन सभी विद्यार्थी अपने गुरुओं को बधाई देते हैं और जीवन भर खुद पर आशीर्वाद बनाये रखने का आश्वाशन लेते हैं.
शिष्य गुरु से कहते हैं की आपने हमें जो दिया है उसका 1% भी हम नहीं चुका सकते. पर जीवन भर हम आपके शुक्रगुजार रहेंगे और आपको याद करते रहेंगे, ये हमारा आपसे वादा है. कई विद्यार्थी इस मौके पर शिक्षक दिवस पर भाषण के रूप में अपने गुरुओं को सम्मान देते हैं.
किसी ने सच ही कहा है की यदि शिक्षक ना होते तो किसी भी देश में आदर्श नागरिकों की संख्या बहुत ही कम होती. अगर कोई शिष्य ये कहता है की वो सिर्फ अपनी मेहनत के दम पर सफल हुआ है तो वो पूरी तरह से गलत है. क्योंकि किसी ना किसी तरह से आपकी सफलता के पीछे गुरु का हाथ जरूर मिलेगा.
बस आपको आपकी सफलता का सही तरह से विश्लेषण करने की जरुरत है. क्योंकि हमारे शिक्षक हमें सिर्फ शैक्षणिक तौर पर ही समृद्ध नहीं बनाते बल्कि सफलता पाने के लिए जो जो चीज़ चाहिए, वो भी सिखाते हैं. जैसे कभी हार ना मानना, आत्मविश्वास के साथ कार्य करना वगैरह वगैरह.
अच्छा जीवन जीने के लिए हमें किन गुणों को अपने अन्दर समाहित करना चाहिए और कौनसी बुराइयाँ छोडनी चाहियें, ये सब हमें हमारे शिक्षक ही तो सिखाते हैं. बस बचपन में ही उनकी ये बातें और सीख हमारे मष्तिष्क पटल पर छप जाती हैं और हम जीवन भर उनके सिद्धांतों पर चलते हैं.
अभी 5 सितम्बर 2022 को शिक्षक दिवस आने वाला है. यदि आप एक विद्यार्थी हैं तो इस बार दिल से अपने गुरुओं का आभार व्यक्त कीजिये और उन्हें अहसास करवाइए की किस तरह से वो आपके जीवन का सबसे अहम् हिस्सा हैं.
आप पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें, उन्हें बधाई दें, सदा आशीर्वाद अपने ऊपर बनाये रखने का वचन लें. देखना इस तरीके से आपका आपके शिक्षक के साथ ये रिश्ता और ज्यादा गहरा और मजबूत हो जाएगा. आप चाहें तो उन्हें शिक्षक दिवस पर अपनी तरफ से एक प्यार सा तोहफा जरूर दें.
ये ना सोचें की आपका तोहफा उन्हें पसंद आएगा या नहीं? तोहफा चाहे महंगा हो या सस्ता, हर शिक्षक के लिए किसी भी विद्यार्थी द्वारा दिया गया कोई भी तोहफा अनमोल होता है. वो उन्हें हमेशा आपकी याद दिलाता रहता है.
आखिर में आपसे यही कहेंगे की हर हाल में अपने शिक्षकों का सम्मान करें. वो भी आपके लिए भगवान् की तरह ही हैं. इसके अलावा शिक्षक कैसे एक सभ्य समाज का निर्माण करते हैं, वो तो हम सब जानते ही हैं. हमारी पूरी टीम शिक्षकों का आभार व्यक्त करती है और उनके बेहतरीन योगदान के लिए उनको Salute करती है.
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