Overthinking यानी बहुत ज्यादा सोचने की बीमारी आजकल आम हो चुकी है. इसलिए इस लेख में आप जानेंगे Overthinking से कैसे बचें. आजकल ज्यादातर लोग इस बात का जवाब जानना चाहते हैं की Overthinking की समस्या से छुटकारा कैसे पाए या बहुत ज्यादा सोचना कैसे बंद करें. क्योंकि Overthinking के नुकसान बहुत सारे हैं.
इंसान तरक्की करते करते आज उस दौर में पहुँच चुका है जहाँ उसके पास सब तरह की भौतिक सुविधाएँ मौजूद हैं. लेकिन अफ़सोस, तरक्की की इस धुन में इंसान ने अपने मन की शान्ति को खो दिया है. आज हर 10 में से 3 या 4 ऐसे व्यक्ति ऐसे हैं जिन्हें Overthinking की बीमारी ने जकड रखा है.
वो हर वक़्त कुछ न कुछ सोचते रहते हैं, खाना खाते हुए, नहाते हुए, सोते हुए या फिर कोई काम करते हुए. उनका दिमाग कभी शांत नहीं रहता और यही समस्या उन्हें मानसिक रूप से बीमार बनाती जा रहती है. कहते है ज्यादा सोचने की समस्या आदमी की उम्र को कम करती है. इसलिए ये जानना आवश्यक है की Overthinking से कैसे बचें.
Overthinking के Side Effects और भी हैं, जो की व्यक्ति की Life को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं. ज्यादा सोचने वाला व्यक्ति असल में पहले जैसा नहीं रहता. वह वर्तमान में चल रही चीज़ों से खुद को तुरंत Connect नहीं कर पाता. उसका मानसिक स्वास्थ्य गिरता रहता है और उसे इसका आभास काफी बाद में होता है.
अगर कोई इंसान Overthinking की समस्या से ग्रस्त है तो इसके पीछे कई वजह होती हैं. Overthinking भी एक रोग है जिसका इलाज जरूरी है. अगर आप इस बात को लेकर चिंतित हैं की ज्यादा सोचना कैसे बंद करें तो आइये सबसे पहले जानते हैं की Overthinking की बीमारी किन वजहों से होती है.
Causes Of Overthinking – Overthinking के कारण
ज्यादा सोचने वाले आदमी का दिमाग असल में कभी शांत नहीं रहता, वो इधर उधर घूमता ही रहता है. आदमी काम कुछ और कर रहा होता है लेकिन उसका दिमाग कुछ और सोचने में व्यस्त रहता है. लेकिन ये बीमारी किसी को बचपन से नहीं होती.
बल्कि किसी की Life में चल रही घटनाओ या किसी अन्य बीमारी के चलते ये रोग हो जाता है. तो आइये कुछ ऐसे ही कारणों के बारे में जानते हैं जिनकी वजह से इंसान में ये बीमारी पनपती है और फिर आसानी से व्यक्ति का पीछा नहीं छोडती.
(1) लम्बे समय तक अकेले रहने के कारण – अगर कोई व्यक्ति काफी ज्यादा समय तक परिवार से दूर या घर में ही अकेला रह लेता है तो उसमे ये समस्या पनप जाती है. क्योंकि ऐसी स्थिति में उसके साथ बात करने वाला कोई करीबी नहीं होता जिसके कारण वो मन ही मन खुद से ही बतियाने लगता है.
जब काफी लम्बे समय तक ऐसा चलता है तो व्यक्ति को इसकी आदत हो जाती है. वह दूसरों से बातचीत करना बंद कर देता है और खुद अकेले रहकर सोचना पसंद करता है. धीरे धीरे उसकी यही आदत Overthinking में बदल जाती है जिससे छुटकारा पाना मुश्किल हो जाता है.
(2) एंग्जायटी के कारण – किसी भी व्यक्ति को जब Anxiety का रोग होता है तो व्यक्ति में Overthinking की समस्या सबसे पहले आती है. क्योंकि Anxiety में व्यक्ति को डर सा लगा रहता है जिसके कारण आदमी आलतू फालतू बातों के बारे में सोच सोचकर परेशान रहता है.
अगर आप एंग्जायटी से पीड़ित हैं और सोच रहे हैं की Overthinking से कैसे बचें या ज्यादा सोचना कैसे बंद करें तो इसके लिए Anxiety को दूर करना अति आवश्यक है. इस रोग के रहते ये समस्या दूर नहीं हो सकती.
(3) अत्यधिक शराब पीने के कारण – लम्बे समय तक बहुत ज्यादा शराब का सेवन करने के कारण भी Overthinking की बीमारी लग जाती है. शराब के ज्यादा सेवन के कारण मष्तिष्क में हारमोंस का संतुलन बिगड़ता है.
जिसके कारण मन अशांत हो जाता है और व्यक्ति विचारों के सागर में डूबा रहने लगता है. ज्यादा शराब पीने के कारण आपका दिल कमजोर होने लगता है जिससे व्यक्ति में छोटी छोटी बातों को लेकर भय पैदा होता है और वो काफी ज्यादा सोचने लगता है.
(4) किसी बड़े हादसे के कारण – अगर किसी के साथ जीवन में कोई बड़ा हादसा हो जाता है तो ये चीज़ उसके दिमाग में घर कर लेती है. जिसके कारण बार बार व्यक्ति के जहाँ में वही बातें आती रहती हैं. दिन तो दिन रात को भी व्यक्ति बस सोचने में व्यस्त रहता है.
(5) शारीरिक गतिविधियों की कमी – अगर कोई आदमी लम्बे समय तक खाली पड़ा रहता है और किसी भी प्रकार की Physical Activity से दूर रहता है तो भी ज्यादा सोचने की बीमारी लग जाती है. अगर आप जानना चाहते हैं की Overthinking से छुटकारा कैसे पायें तो अपने शरीर को हरकत में रखना शुरू कीजिये.
(6) प्यार में धोखा मिलने के कारण – ये भी आजकल एक सबसे बड़ा कारण है Overthinking का. अगर कोई व्यक्ति किसी से अत्यधिक प्रेम करता है और सामने वाला उसके साथ धोखा कर देता है तो आदमी अवसाद में चला जाता है. उसे इस चीज़ के अलावा कुछ सूझता नहीं है और बस इसके बारे में सोचता रहता है.
(7) अपमानित होने के कारण – कई बार व्यक्ति का ऐसा अपमान हो जाता है जिसके बारे में वो सोच भी नहीं सकता था. उसे इस बात का गहरा सदमा लगता है और ये बात उसके दिमाग में घर कर जाती है. यही से व्यक्ति बहुत ज्यादा सोचना शुरू कर देता है.
Overthinking से छुटकारा कैसे पायें – Overthinking से कैसे बचें
(1) Meditation करें – अगर आपको नहीं पता है तो बता दें की ध्यान करने से व्यक्ति का मन शांत होता है और फालतू विचारों पर रोक लगती है. असल में Meditation करने से हम धीरे धीरे अपने दिमाग पर काबू करना सीख जाते हैं.
अगर आप ज्यादा सोचना बंद करना चाहते हैं तो Meditation जरूर कीजिये. रोज सुबह कम से कम 20 मिनट तो ध्यान को जरूर दीजिये. धीरे धीरे आप ये समय थोडा बढाते रहिये. कुछ ही महीनों में आप पाएंगे की आपका मन अब पहले से ज्यादा शांत रहने लगा है.
(2) किसी ना किसी काम में व्यस्त रहें – खाली दिमाग Overthinking को बढ़ावा देता है. अगर आप जानना चाहते हैं की ज्यादा सोचना कैसे बंद करें तो अपने आप को ज्यादा से ज्यादा व्यस्त रखें. कुछ भी करें पर लम्बे समय तक खाली ना बैठे.
ऐसा करने से आपके दिमाग का ध्यान फालतू बातों से हटकर काम काम की तरफ Focus करने लगेगा. हो सके तो आप ऐसे काम करें जिन्हें करने में आपको सबसे ज्यादा मज़ा आता है. क्योंकि ऐसा करने पर आपका दिमाग पूरी तरह उस काम की तरफ ध्यान लगाने लगता है.
(3) नशा ना करें – जो लोग काफी ज्यादा नशा करते हैं उन्हें Overthinking की Problem का सामना करना ही पड़ता है. ऐसी स्थिति में ये सोचने से कोई फायदा नहीं की Overthinking से कैसे बचें. क्योंकि जब तक आप नशा नहीं छोड़ेंगे तब तक आपको इससे छुटकारा नहीं मिलेगा.
Overthinking से छुटकारा पाने के लिए आपको नशा त्यागना ही होगा. अगर आप पूरी तरह से नहीं छोड़ सकते तो कम जरूर कीजिये. किसी भी प्रकार का नशा करने से मन अशांत होते है, चाहे वो बीडी, सिगरेट, ज़र्दा और गुटखा कुछ भी हो.
(4) बाहर घूमने जाएँ – कई बार लम्बी बोरियत हमे ज्यादा सोचने की बीमारी से ग्रस्त कर देती है. ऐसा होने पर आपको अपनी जगह बदलने की जरुरत होती है. Overthinking से बचने के लिए आपको कहीं बाहर घूमने जाना चाहिए.
क्योंकि जगह बदलती है तो विचार भी बदलते हैं और मन भी बदलता है. अगर आप Overthinking की समस्या से बुरी तरह से जूझ रहे हैं तो अपनी जगह से कहीं दूर रहना शुरू कर दें. कुछ महीने अपने घर से दूर रहने पर आपको खुद में कुछ सुधार जरूर नज़र आएगा.
(5) खुद को स्वीकार करें – कुछ लोग दूसरों से खुद की तुलना करके अपने मन को परेशान करते हैं. वो इसके बारे में बहुत ज्यादा सोचने लगते हैं. कहने का मतलब वो खुद से संतुष्ट नहीं होते और उन्हें खुद में बस कमियां ही नज़र आती है.
ऐसे में उनके मष्तिष्क के अन्दर नकारात्मक उर्जा भरने लगती है जो ज्यादा सोचने की बीमारी का रूप लेने लगती है. ऐसे में आपको खुद को स्वीकार करने की जरुरत होती है. आपको समझने की जरुरत है की इस दुनिया में हर इंसान अलग है और अपने आप में श्रेष्ठ है. आप भी अपनी जगह ठीक है इसलिए खुद से प्यार करें.
(6) स्वस्थ आहार लें – जो लोग बेकार की चीज़ें खाते रहते हैं उन्हें तो ये सोचने का हक़ ही नहीं है की Overthinking से छुटकारा कैसे पायें. क्योंकि Unhealthy Food ऐसा संभव ही नहीं होने देगा. आपने एक बात तो जरूर सुनी होगी की जैसा हम खाना खायेंगे वैसा ही हमारा मन होगा.
आपको अपने खाने पर ध्यान देना होगा, दूध वाली चाय, तली हुयी चीज़ें, कोल्ड ड्रिंक्स और अन्य जंक फूड्स से किनारा करना होगा. तब जाकर आपका मन बदलने लगेगा और शांत रहने लगेगा. स्वस्थ भोजन कीजिये और मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहिये.
(7) एक्सरसाइज करें – आप मानें या ना माने व्यायाम आपको हर तरह से स्वस्थ बनाने का काम करते है. जैसा की हमने आपको ऊपर बताया की ज्यादा सोचने की समस्या मष्तिष्क में हारमोंस के असंतुलन के कारण भी हो जाती है.
तो ऐसे में Exercise करना आपके लिए काफी ज्यादा फायदेमंद हो जाता है. क्योंकि Exercise हमारे दिमाग में Harmones को Balance करती है और रक्त संचरण को सही करती है. जिससे हमारा मन प्रफुल्लित रहने लगता है और ज्यादा सोचने की आदत से छुटकारा मिलना शुरू हो जाता है.
(8) दोस्तों के साथ समय बिताएं – दोस्ती हमारे जीवन का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है. अगर आप जानना चाहते हैं की Overthinking से कैसे बचें तो ज्यादा से ज्यादा समय अपने मित्रों के साथ बिताना शुरू करें.
ऐसा करने से आपका मन खुश रहेगा और आपका ध्यान फालतू विचारों से हटेगा. कहने का मतलब ये है की अपने दिमाग को सोचने का मौका ही कम दें. दोस्तों के साथ मस्ती करें और नए नए दोस्त भी बनायें.
(9) सामजिक कार्यों में हिस्सा लें – ज्यादा सोचने वाला व्यक्ति धीरे धीरे समाज से कटने लगता है. उसका दिमाग बस ये चाहता है की वो अकेला रहे और सोचता रहे. पर आप ऐसा ना होने दें, और ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलने की कोशिश करें.
सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें और किसी जरूरतमंद की सहायता करने की भी कोशिश करें. ऐसा करने से आपको दिल से ख़ुशी मिलेगी और आपके अन्दर सकारात्मक उर्जा का संचार बढ़ने लगेगा.
(10) अश्वगंधा और ब्राह्मी वटी का प्रयोग – आयुर्वेद में ये 2 बहुत ही बेहतरीन औषधि हैं जो Overthinking की समस्या से छुटकारा पाने में आपकी काफी मदद कर सकती हैं. अश्वगंधा एक Nervine Tonic है को आपको Nervous होने से बचाएगा.
वहीँ दूसरी तरफ ब्राह्मी वटी आपके मन को शांत रखने में मदद करेगी और आपका Concentration बढ़ाएगी. आप चाहें तो कुछ दिन तक आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से इन औषधियों का इस्तेमाल कर सकते हैं, आपको अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे.
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